
चीन में कोरोना वायरस से अब तक 3000 लोगों की मौत हो चुकी है, लगभग पूरी दुनिया में सभी देशो में 92,217 से ज़्यादा लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं। इसका खौफ चीन के बाहर भी दिख रहा है।
कोरोना वायरस संक्रमण का ख़तरा ‘ज़्यादा’ (High) से बढ़कर ‘बहुत ज़्यादा’ (Very High) हो गया है. जिस तरह अलग-अलग देशों में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं वो ज़ाहिर तौर पर चिंताजनक है. – विश्व स्वास्थ्य संगठन

भारतीय चीन जाने की अपनी योजना रद्द कर रहे हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि पूरे एशिया में फैलने वाला घातक नया वायरस जितना समझा गया था उससे कहीं ज़्यादा संक्रामक है। जो भी व्यक्ति इस वायरस की चपेट में आ चुका है वह इसे सिर्फ एक साधारण खांसी या छींक के साथ फैला सकता है।
आखिर क्या है कोरोना वायरस
कोरोना वायरस एक ऐसा वायरस है जो जानवरों और इंसानों को बीमार कर सकता है। ये एक RNA वायरस है, जिसका मतलब ये है कि यह एक शरीर के अंदर कोशिकाओं में टूट जाता है और उनका उपयोग खुद को पुन: उत्पन्न करने के लिए करता है। चीन के वुहान में फैल रहा जैसा कोरोना वायरस पहले कभी नहीं देखा गया। इसलिए इसके बारे में ज़्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है।
एक्सपर्ट्स की मानें तो कोरोना वायरस एक ऐसे वायरस के परिवार से आता है जो मनुष्यों, मवेशियों, सूअरों, मुर्गियों, कुत्तों, बिल्लियों और जंगली जानवरों को को संक्रमित करता है।
जब तक इस नए कोरोना वायरस की पहचान नहीं हुई, तब तक मनुष्यों को संक्रमित करने के लिए केवल छह अलग-अलग कोरोना वायरस थे। इनमें से चार एक हल्के आम सर्दी की बीमारी का कारण बनते थे। हालांकि, 2002 के बाद से दो नए कोरोना वायरस के आए हैं जो मनुष्यों को संक्रमित कर उन्हें गंभीर रूप से बीमार कर सकते हैं।
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के अनुसार, यह वाइरस सी-फूड से जुड़ा है और इसकी शुरुआत चाइना के हुवेई प्रांत के वुहान शहर के एक सी-फूड बाज़ार से ही हुई मानी जा रही है। कोरोना वायरस विषाणुओं के परिवार का है और इससे लोग बीमार पड़ रहे हैं। यह वायरस ऊंट, बिल्ली और चमगादड़ सहित कई पशुओं में भी प्रवेश कर रहा है। डब्ल्यूएचओ ने इस बात का अंदेशा भी जताया है कि यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भी फैल सकता है।

कैसे फैलता है ये वायरस
ये बीमारी सिर्फ खांसी और छींक के ज़रिए लोगों में फैल सकती है, इसका मतलब ये वायरस बेहद आसानी से किसी को भी संक्रामित कर सकता है। इसके अलावा यह लार के ज़रिए निकट संपर्क, चुंबन या फिर बर्तन शेयर करने से भी फैल सकता है। क्योंकि यह फेफड़ों को संक्रमित करता है, इसलिए खांसते वक्त मुंह से निकले वाली बूंदें भी सामने मौजूद व्यक्ति को संक्रमित कर सकती हैं।
क्या हैं इसके लक्षण
इस वायरस से संक्रमित होने के कम से कम 14 दिनों बाद इसके लक्षण दिखने शुरू होते हैं। कोरोना वायरस के मरीज़ों में आमतौर पर जुखाम, खांसी, गले में दर्द, सांस लेने में दिक्कत, बुखार जैसे शुरुआती लक्षण देखाई देते हैं। इसके बाद ये लक्षण निमोनिया और किडनी को नुकसान पहुंचाते हैं।

कोरोना वायरस का इलाज
इस वक्त कोरोना वायरस का कोई इलाज नहीं है। एंटीबायोटिक दवाएं वायरस से नहीं लड़तीं, इसलिए इनका उपयोग व्यर्थ है। हालांकि, एंटीवायरल ड्रग्स काम आ सकते हैं, लेकिन नए वायरस को समझने और उसका समाधान निकालने में कई साल लग जाते हैं। अभी तक कोरोना वायरस से निजात पाने के लिए कोई वैक्सीन भी उपलब्ध नहीं है। इस वायरस के इलाज के लिए वैक्सीन बनाने का काम वैज्ञानिक कर रहे हैं।
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